" ज़िन्दगी " एक नशा है ….
मुझे … , " ज़िन्दगी का नशा " है …
इसलिए … मुझे किसी और नशे की
ज़रूरत नहीं !!!
जब अपनी ही साँसों पर , जीवन भारी होता है .. हर लिखने वाला अपनी ही "कलम " का आभारी होता है ...